- Hindi News
- National
- CM’s Meeting With Concerned Agencies, Officers Told Why Accidents Are Happening In Delhi
नई दिल्ली5 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

दिल्ली में सड़क हादसे शून्य करने को लेकर दिल्ली सरकार एक्शन मोड में है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने हादसे कम करने के लिए हो रहे अलग-अलग पहलू पर उच्च स्तरीय बैठक की। इसमें परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, मुख्य सचिव, परिवहन आयुक्त, आईआईटी एक्सपर्ट, पुलिस विशेष आयुक्त समेत कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक के दौरान सड़क सुरक्षा से संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन कराने पर सहमति बनी। बस-लेन प्रवर्तन, फरिश्ते स्कीम के प्रभाव का विश्लेषण, 100 स्कूलों पर सेफ्टी जोन का विकास और लेन नियमों के पालन का निर्णय लिया।
वाहनों की स्पीड पर फोकस
केजरीवाल ने यातायात अपराधों के लिए कंपाउंडिंग फीस का 50 फीसदी सड़क सुरक्षा कोष में लगाने का निर्देश दिया गया। अब रोड सेफ्टी को लेकर चल रहे प्रोजेक्ट पर नजर रखने के लिए नियमित समीक्षा बैठक होगी।
अन्य राज्यों के मुकाबले दिल्ली का रोड नेटवर्क 10%
समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों ने एक प्रजेंटेशन के जरिए सीएम को बताया कि राष्ट्रीय और राज्य की सड़कों पर 47% दुर्घटनाएं होती हैं, जबकि यह रोड नेटवर्क शहर की सड़कों का मात्र 10% ही है। आंकड़ों के अनुसार, दुर्घटनाओं के पीछे ओवर स्पीडिंग सबसे प्रमुख कारण है। वाहन चालक चौड़ी सड़कों पर तेज गति से वाहन चलाते हैं। स्कूल, मेट्रो स्टेशन और व्यवसायिक एरिया में इस तरह की दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। यहां पैदल यात्री सड़कों से अधिक गुजरते हैं।
औसत गति 44 किमी प्रतिघंटा
स्पीड स्टडी के तहत 98,294 वाहनों को शामिल हुए। इसके तहत, वाहनों की औसत गति 44 किमी प्रति घंटा है, जबकि 21% वाहन निर्धारित गति सीमा से अधिक गति से चल रहे हैं। हर दूसरी बाइक ओवर स्पीड है, 50% हल्के ट्रक, कार, ऑटो और ट्रक ओवर स्पीडिंग में हैं। ज्यादातर कारें शहर में 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं और 8.5% कारें, 10.2% लाइट पिकअप ट्रक 80 किमी प्रति घंटा से अधिक रफ्तार से चलती हैं।